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मणिपुर में तीन मंत्री और 6 MLA के घर पर हुआ हमला, सीएम के दामाद का घर जलाया गया और पांच जिलों में कर्फ्यू का माहौल.

manipur voilence

मणिपुर में हालात फिर से बेकाबू होने लगे हैं जिरिबिम जिले की एक नदी से 6 लापता व्यक्तियों के शवों के मिलने के कुछ घंटे बाद ही राज्य में हिंसा भड़क गई प्रदर्शन करो ने शनिवार को तीन मंत्रियों और छे विधायकों के घर पर हमला बोल दिया था.

मणिपुर में हालात फिर बेकाबू होने लगे हैं जिरिबिम जिले की एक नदी से 6 लापता व्यक्तियों के शव के मिलने के कुछ घंटे बाद ही राज्य में हिंसा भड़क गई प्रदर्शनकार्यो ने शनिवार को 3 मंत्रियों और 6 विधायकों के घर पर हमला बोल दिया इसके बाद राज्य सरकार ने पांच जिलों में कर्फ्यू लगा दिया और कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं निर्मित कर दी है. अधिकारियों ने बताया है कि राज्य के हालात बिगड़ते जा रहे हैं.

मणिपुर में कैसे हुई हिंसा की शुरुआत…

मणिपुर में हिंसा की शुरुआत पिछले साल 3 मई से हुई थी जब मणिपुर में हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ कुकी–जो जनजाति समुदाय के प्रदर्शन के दौरान आगजनी और तोड़फोड़ की गई. दरसल मैतेई समुदाय ने इस मांग के साथ मणिपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी कि उन्हें जनजाति का दर्जा दिया जाए.

मैतेई समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था. उससे पहले उन्हें जनजाति का दर्जा मिला हुआ था. मणिपुर हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद राज्य सरकार से सिफारिश की मैतेई समुदाय को अनुसूचित जाति की (ST) में शामिल करने पर विचार किया जाएगा.

नदी के किनारे पे मिले थे 6 सव…

दरअसल सोमवार से लापता दो महिलाओं और एक बच्चे के शव शनिवार को जिरिबिम के बारक नदी से बरामद हुए, जबकि तीन अन्य शव, जिनमें एक महिला और दो बच्चे शामिल थे वह शुक्रवार की रात को मिले थे इन छाव को पोस्टमार्टम के लिए असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया है.

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गृह मंत्रियों के घर पर हुआ हमला!

 

जिन मंत्रियों के घरों पर प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया उनमें स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री रंजन, खपत और सार्वजनिक वितरण मंत्री एल सुसिंद्रो सिंह शहरी विकास मंत्री वाई खेमचंद का आवास शामिल है बढ़ती हिंसा को देखते हुए राज्य सरकार ने इंफाल पूर्व और पश्चिम, विष्णुपुर और कचिंग जिले में कर्फ्यू लागू कर दिया.

मंत्री ने की इस्तीफा की पेशकश…

प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री सपन रंजन के घर पर हमला किया जो इंकल पश्चिम जिले के लम्पेल संकेथल में स्थित है. पुलिस ने बताया कि सापम ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे 6 हत्याओं के मामले को कैबिनेट बैठकर में उठाएंगे और यदि सरकार जनजाति की भावना का सम्मान नहीं करती तो वह इस्तीफा देने के लिए तैयार है.

प्रदर्शनकारीयों ने इनफाल पूर्वी जिले के उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्री एल सुसींद्रो सिंह के घर पर ही भी हमला किया जिसके बाद सुरक्षा बलों ने कई राउंड आंसु गैस के गले फेके.

 

इंफाल पश्चिम जिले के सिंगजमई इलाके में शहरी विकास मंत्री वाई खेमचंद के घर को भी प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया. पुलिस के मुताबिक, बीजेपी विधायक आरके इमो के घर को भी प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया, जो मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद हैं. प्रदर्शनकारियों ने विधायक के घर में तोड़फोड़ की और उनकी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया.

इसके अतिरिक्त, बीजेपी विधायक सापम कुंजकेसोरे और विधायक जॉयकिशन सिंह के घरों को भी प्रदर्शनकारियों ने नुकसान पहुंचाया. अधिकारियों ने बताया कि एक वाहन को विधायक सापम कुंजकेसोरे के घर के बाहर आग लगा दी गई.

सचिवालय की ओर बढ़ रहे थे प्रदर्शनकारी

प्रदर्शनकारियों ने एमपीएल विधानसभा भवन के पास स्थित थंगमेइबंद इलाके में सड़क पर टायर जलाए. पुलिस ने केइशमपत पुल के पास प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जो राजभवन और मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर बढ़ रहे थे.

राज्य के मुख्य सचिव वीनीत जोशी ने इम्फाल पश्चिम, इम्फाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, कचिंग, कंगपोकपी और चुराचांदपुर जिलों में दो दिन के लिए इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं निलंबित करने का आदेश दिया. मानवाधिकार संगठनों का समन्वय समिति (COCOMI) ने मणिपुर में उग्रवादियों के खिलाफ 24 घंटों के भीतर सैन्य कार्रवाई की मांग की. COCOMI के प्रवक्ता के अथोबा ने हाल ही में फिर से लागू किए गए सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) को तत्काल रद्द करने की मांग की है.

 

 

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